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गुरुवार, सितंबर 25, 2008

जवान तो मर ही रहे हैं?

जम्मू और कश्मीर के पास एल ओ सी पैर सोमवार को एक मुठभेड़ में भारतीय सेना के २ जवान शहीद हो गए। दोसरी तरफ़ पता लगा की नागालेंड में एक असम रेजिमेंट का सिपाही मर दिया गया, जिसमे ४ आतंकी भी मरे गए।
जो भी एक तरफ़ खुसी है तो उससे ज्यादा दुःख की बार है की हमारे जांबाज सिपाही शहीद हो गए। असल में इस तरफ़ किसी का भी ध्यान नही जा पता कि आखिर किसी भी मुठभेड़ में सरकार को कितनी हनी उठानी पड़ती है। बस इस बात कि खुसी जाहिर कर दी जाती है कि जवानों ने अच्छा कारनामा कर दिखाया। लेकिन उसके घर में मातम होता है जिसके घर से वो बेटा हमेशा के लिए चला जाता है, जो कि उस मुठभेड़ में शहीद हो गया.

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