सीखने के लिए मैंने हर जख्म सींचे हैं, पढ़ना है दर्द मेरा तो सब लिंक नीचे हैं

शुक्रवार, जुलाई 11, 2014

धन्य हो बेसिक शिक्षा परिषद् और डाएट

उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा के गिरते स्तर का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रशिक्षु शिक्षक चयन 2011 में हाल ही में वेबसाइट पर अपलोड की गये विवरण में जबरदस्त गलतियां कर दी गईं. जो हाजारों में आंखें खोल कर गलतियाँ कर रहे हों उनसे प्राथमिक शिक्षा को बेहतर बनाने की क्या आशा की जा सकती है. 

प्रशिक्षु शिक्षक चयन 2011 के लिए भरे गये फॉर्म को विभाग ने वेबसाइट पर अपलोड किया. एटा में 90 प्रतिशत अभ्यर्थियों की जन्मतिथि गलत अपलोड के दी गई. ये हाल सिर्फ एटा का ही नहीं कासगंज का भी है यहाँ भी हज़ारों अभ्यर्थियों की जन्मतिथि एक जैसी है. कनौज को तो गलतियाँ करने का अवार्ड दिया जाना चाहिए क्यूंकि कन्नौज में सभी अभ्यर्थियों की जन्मतिथि की जगह " #### " बना हुआ है.... इससे लगता है कि जैसे ये अभ्यर्थी अभी तक पैदा ही नहीं हुए.

कमाल ये नहीं कि गलतियाँ कर दी गईं, बल्कि कमाल ये है की आंखे खोल कर भी सही जानकारी नहीं अपलोड कर सके.

धन्य हो बेसिक शिक्षा परिषद् और डाएट, आपसे आशा है की देर-सबेर आप इन गलतियों को ठीक कर देंगे.

11 july 2014 amar ujala


excel file of Etah
excel file of Kannauj
excel file of Kasganj
















































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क्या चाहती है बेसिक शिक्षा परिषद्

प्रशिक्षु शिक्षक चयन 2011 में गलतियों का अम्बार तो लगा ही है साथ ही अभ्यर्थियों को लगातार परेशान किये जाने का क्रम भी जारी है. परिषद् द्वारा मेरिट जारी करने के बाद गलतियों के सुधार के लिए प्रत्यावेदन मांगे थे. अब स्थिति ये है की इस प्रत्यावेदन को 3 बार संशोधित किया जा चुका है. 

सर्वप्रथम प्रत्यावेदन के प्रारूप में (4 जुलाई से लेकर शाम 8 जुलाई तक) 10वें क्रम पर सिर्फ मोबाइल नम्बर प्रदर्शित हो रहा था, 8 जुलाई को प्रत्यावेदन का नया प्रारूप तैयार कर दिया गया जिससे छात्र हकबका गये क्योंकि इन चार दिनों में पुराने प्रत्यावेदन प्रारूप पर ही छात्र संसोधन के लिए विवरण विभिन्न जिलों के डाएट में भेज चुके थे. प्रत्यावेदन के नये प्रारूप में 10वें क्रम के विवरण में, जिसमें मोबाइल नम्बर की जानकारी दी गयी थी, यूपी टेट परीक्षा 2011 का रोल नम्बर भी मांग लिया. ये रोल नम्बर किसी भी जिले में किसी भी छात्र के अपलोड नहीं किये गये. इस तरह अभ्यर्थी संशय में पड़ गये कि जो विवरण वे भेज चुके हैं वे स्वीकार भी होंगे या नहीं. कई अभ्यर्थियों के सेकड़ों रूपए स्पीड पोस्ट में खर्च हो चुके हैं, ऐसे में प्रत्यावेदन का नया प्रारूप और अभ्यर्थियों को और परेशान करने का शबब बन गया.

अभ्यर्थियों को नींबू की तरह निचोड़ने का काम अभी थमा भी नहीं था कि बेसिक शिक्षा परिषद् ने मात्र दो दिनों के भीतर प्रत्यावेदन का तीसरी बार प्रारूप बदल दिया. 10 जुलाई की सुबह तीसरी बार बदले गये प्रत्यावेदन के प्रारूप में 10वें क्रम को दो भागों में विभाजित कर दिया गया. पहले भाग में मोबाइल नम्बर दिया गया, जो सही होने पर दिखा रहा था और गलत होने पर गलत और कहीं-कहीं तो मोबाइल नम्बर उपलोड ही नहीं किये गये, इसके अलावा दूसरे भाग में, यूपी टेट परीक्षा 2011 का रोल नम्बर के लिए जगह खाली छोड़ दी गयी. यह जानकारी विभाग द्वारा अपलोड नहीं की गयी थी बल्कि भेजने वाले अभ्यर्थियों से मांगी गयी थी.

क्या अजीब है, दिसम्बर 2011 में फॉर्म भरते समय अभ्यर्थियों ने वेबसाइट पर अपलोड यूपी टेट परीक्षा 2011 के परिणाम की अंक तालिका की इन्टरनेट कॉपी लगाकर सम्बंधित जिले में भेजी थी. इस तरह हर जिले में टेट परीक्षा 2011 के अंक और रोल नम्बर की जानकारी मौजूद है, परन्तु स्वयं काम न करने की प्रतियोगिता में किसी भी जिले में टेट के अंक अपलोड ही नहीं किये. अब दोबार यही जानकारी मांग कर अभ्यर्थियों को नचाने में विभाग कोई कसर नहीं छोड़ रहा.


प्रत्यावेदन का प्रथम प्रारूप 
प्रत्यावेदन का द्वितीय प्रारूप 

प्रत्यावेदन का तृतीय प्रारूप 























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मंगलवार, जुलाई 08, 2014

डाटा ऑपरेटरों को बर्खास्त किया जाए.

प्रशिक्षु शिक्षक चयन 2011- 72825 भर्त्ती में 4 जुलाई 2014 को मेरिट लिस्ट जारी की जिसमें 1 लाख से ज्यादा छात्रों के विवरण गलत अपलोड कर दिए गये. 

लगभग हर जिले में हज़ारों में फॉर्म आये हैं कहीं कहीं तो लाखों में फॉर्म पहुचे हैं. इन फॉर्म की कंप्यूटर पर एंट्री ऑपरेटरों ने गलत भर दी.

जब जानकारी वेबसाइट पर अपलोड हुयी तो हज़ारों अभ्यर्थी अपने फॉर्म का विवरण देख हेरान हो गये. किसी की जन्मतिथि गलत तो किसी के पिता का नाम गलत, किसी के यूपी टेट परीक्षा के अंक गलत. और तो और हज़ारों अभ्यर्थियों के तो नाम ही नहीं मिल रहे जिससे यह लगता है कि उनका तो नाम ही गलत फीड किया होगा जिससे उनका नाम ही नहीं दिखा रहा.

सरकारी नौकरी से बर्खास्त किया जाए 
ऐसे डाटा एंट्री करने वाले ऑपरेटरों को निष्कासित यानी नौकरी से बर्खास्त करना बेहद जरूरी है, क्योंकि इन्हीं की वजह से छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसी भारी गलतियाँ करने वाले ऑपरेटरों ने लाखों की रिश्वत दी होगी और सरकारी नौकरी पा ली होगी, तभी तो ये इतनी बड़ी बड़ी गलतियाँ कर रहे हैं. 

अधिकारी क्यों चुप?
अधिकारी इन ऑपरेटरों द्वारा भारी गलतियाँ करने पर कोई कार्यवाही भी नहीं कर रहे हैं जिससे यह साफ़ होता है कि अधिकारियों ने रिश्वत लेकर इन्हें सरकारी नौकरी पर रख लिया है और अब इनसे काम तो हो नहीं रहा तो कुछ कह भी नहीं सकते क्योंकि रिश्वत तो ले ली है तो डाटने का तो हक रहा नहीं.

गलती ऑपरेटरों की और भुगत रहे अभ्यर्थी
आप इस निकृष्ट व्यवस्था का उदाहरण देखिये कि जिन्होंने गलतियां की उन्हें कुछ कहा नहीं जा रहा और जो दो साल से नौकरी के लिए अपने चप्पल घिस रहे हैं उन्हें गलतियों के सुधार के लिए कहा जा रहा है....
मतलब ये कि जिन्होंने गलती की वो मौज कर रहे हैं और जिन्होंने गलती नहीं की वे बेचारे जिला दर जिला भटक रहे हैं.

विभिन्न अध्ययनों और रिपोर्टों से पता चलता है कि जब किसी व्यक्ति को उसका समाज नाजायज तरीकों से परेसान करता है और सताता है जबकि उसने कुछ न किया हो. निर्दोषों को बेवजह सजा दे दी जाती है तो ऐसे में कुछ समाज से तंग आ कर समाज के खिलाफ हिंसक और असामाजिक कदा उठाने को मजबूर हो जाते हैं. 
यूपी टेट भर्ती 2011 में ये देखने में आया है कि बेवजह की देर की जा रही है. जब प्रशिक्षु शिक्षक चयन 2011- 72825 भर्त्ती के 2012 में दोबारा फॉर्म निकाले गये तो चालान के लिए बैंकों में हजारों में जमावड़ा लग गया, कई लोगों को धक्का मुक्की में चोटें आयीं तो कुछ ने तो व्यथित होकर आत्महत्या कर ली. अब अभ्यर्थियों के सब्र का बाँध टूट रहा है.

अब वक़्त आ गया है इन अयोग्य ऑपरेटरों के खिलाफ आवाज़ उठाने का. अयोग्य हटेंगे तभी योग्य ओपरेटर आयेंगे. एक योग्य ऑपरेटर 1 गलती करेगा, 2 करेगा, 100 करेगा पर हज़ारों में नहीं करेगा.

हम उत्तर प्रदेश सरकार से अपील करते हैं कि जिन ऑपरेटरों ने प्रशिक्षु शिक्षक चयन 2011- 72825 भर्त्ती में उपलोड अभ्यर्थियों के विवरण में भारी गलतियाँ की हैं उन्हें नौकरी से बर्खास्त किया जाए.

क्या आप सहमत हैं?


 
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फोटो केप्शन -
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रविवार, जुलाई 06, 2014

अक्ल बनाम यूपी टेट भर्ती

4 जुलाई को यूपी टेट बेसिक सहायक अध्यापक शिक्षा भर्ती 72825 की मेरिट जारी कर दी गई और साथ ही सरकार और अधिकारियों ने अपनी अक्ल का परिचय भी दे दिया.

05-07-2014 AMAR UJALA LKO
05-07-2014 AMAR UJALA LKO
 हुआ ये की जब मेरिट जारी की तो साथ ही अभ्यर्थियों की सामान्य जानकारी जैसे नाम, पता, जन्मतिथि, यूपी टेट 2011 नम्बर भी अपलोड किये. इन जानकारियों में भारी गलतियों कर दी गयीं. और कह दिया कि जिन अभ्यर्थियों की सूची जारी की है उनके सामान्य जानकारी गलत उपलोड हुयी है वे 5-8 जुलाई तक जहाँ फॉर्म भरा है उस जिले के डाईट में स्वयं जाकर प्रतिवेदन देकर ठीक करा सकते हैं.

क्या अजीब बात है. सोचिये, जिसने 20-30 जहग फॉर्म भरा है वह मात्र 3-4 दिनों में सभी जिलों में कैसे जा सकता है. इतना ही नहीं, जिस वेबसाइट पर जानकारी उपलोड की वो दो दिन तक इतनी बिजी रही की कई हजार लोग तो खोल ही नहीं पाए. उन्हें यही पता नहीं चल पाया दो दिनों में कि किस किस जिले में उनकी सामान्य जानकारी में गलती है.

क्या अधिकारी इस छोटी सी बात को समझ नहीं पाए कि अभ्यर्थियों ने कम से कम 5  और अधिक से अधिक 65 जिलों में फॉर्म डाला हैं. ऐसे में वे कैसे प्रत्येक जिले के डाईट में पहुच कर ठीक करा पायेंगे.


मान लीजिये किसी अभ्यर्थी के फॉर्म की जानकारी सहारनपुर] सोनभद्र और कुशीनगर में गलत है. तो वह 4 दिन में कैसे उत्तर प्रदेश की अतिम छोर पर बसे इन जिलों में जा पायेगा.

हालाँकि अभ्यर्थियों ने जबरदस्त विरोध और सरकार और अधिकारियों की अक्ल के चर्चे होने के बाद गलतियों को सुधारने की तिथि भी बढ़ा दी गई और सम्बंधित जिले में जाने के बजाये स्पीड पोस्ट का विकल्प भी दे दिया.

ऎसी अकाल का परिचय सिर्फ उत्तर प्रदेश में देखने को मिलता है.

आप भी आमंत्रित हैं ये सब देखने के लिए. आइये हमारे उत्तर प्रदेश.