सीखने के लिए मैंने हर जख्म सींचे हैं, पढ़ना है दर्द मेरा तो सब लिंक नीचे हैं

शुक्रवार, अक्तूबर 21, 2011

कुछ समय के लिए रुका हूँ

आज कल कुछ लिख नहीं पा रहा हूँ, इसलिए नहीं के लिखना नहीं चाहता बल्कि इसलिएअभी वक़्त नहीं मिल पा रहा हैकुछ परीक्षाओं की तेयारी चल रही हैइसलिए फिलहाल लिखने में असमर्थ हूँ
जो मेरे कुछ एक पाठक हैं उनसे में क्षमा चाहता हूँजल्द उठेगा तीसरा कदम असामाजिकता के खिलाफ....