सीखने के लिए मैंने हर जख्म सींचे हैं, पढ़ना है दर्द मेरा तो सब लिंक नीचे हैं

मंगलवार, जून 15, 2010

...तो क्राइम ब्रांच आतंकियों का केसे पता लगाएगा?

मैं चाह रहा था कि इस घटना का जिक्र न करुं, लेकिन जब भोपाल कि लचर व्यवस्था देखी तो रहा भी न गया।
हुआ यूं कि गत 19 अप्रैल को मेरा सैमसंग मोबाइल खो गया। मैंने इसकी रिपोर्ट आनंद नगर थाने में करा दी। वहां कहा गया कि जाओ एसपी ऑफिस जाओ यहाँ कुछ नहीं होने वाला। एक बात और मैंने रिपोर्ट चोरी होने कि कराई थी जो उन्होंने रिसीव करने के लिए मन कर दिया, कहा गुम होने कि बात लिखो वरना मामला दर्ज नहीं किया जाएगा। उस वक़्त मैं परेशान था। गुम होने कि बात लिखी। बाद में एसपी ऑफिस गया , तब तक एक मोबाइल नंबर ट्रैक हो चूका था। एसपी ऑफिस में आवेदन दे मैंने इसके डिटेल्स मांगें । बताया गया कि आवेदन क्राइम ब्रांच एमपी नगर पहुँच जाएगा चिंता कि कोई बात नहीं। मोबाइल आसानी से मिल जायेगा।
मैं क्राइम ब्रांच भी कई बार गया। उस मोबाइल नंबर कि जो मेरे मोबाइल में ट्रैक हुआ था (8103558882), कि डिटेल्स नहीं दे सके। मैंने काफी मिन्नतें की कोई फायदा नहीं हुआ। मैं थकने लगा। मोबाइल में धीरे-धीरे नंबर ट्रैक होने लगे। एक दिन वाहिद नाम का व्यक्ति जो मेरा मोबाइल खरीदना चाहता था, उसका नंबर ट्रैक हुआ और 20 मई को मेरा मोबाइल अशोका गार्डेन से एक दुकान के जरिये एक घर से बरामद हो गया।
आज 6 अगस्त हो गया लेकिन अभी तक क्राइम ब्रांच को इसकी जानकारी तक नहीं।
मेरा मोबाइल मिले लगभग एक महीना हो गया और लगभग चार नंबर ट्रैक हो चुके लेकिन एक की भी डिटेल्स क्राइम ब्रांच नहीं दे सका।
ये सारी बात इसलिए बता रहा हूँ कि जब क्राइम ब्रांच एक नंबर के डिटेल्स नहीं निकाल सका और न ही मोबाइल पता लगा सका तो जब भोपाल में आतंकी गोला बारूद लेकर घुसेंगे तो क्या ये पता लगा सकते हैं?
आपको क्या लगता है ?