सीखने के लिए मैंने हर जख्म सींचे हैं, पढ़ना है दर्द मेरा तो सब लिंक नीचे हैं

सोमवार, अगस्त 08, 2016

आस्तीन के सांप (कविता)

मित्रता दिवस (7 अगस्त 2016) पर लिखी रचना

मैंने तुम को दूध पिलाया,
दूध पिलाकर खूब खिलाया,
फोटो- सौजन्य से गूगल 

तुम्हें पढ़ाया तुम्हें लिखाया,
हर गलती को माफ़ किया और

बढ़कर तुमको गले लगाया,
पर ये क्या मैं देख रहा अब,

फायदा लेकर बदल गये सब,

अब तो ऐसा लगता मुझको कर दिया कोई पाप,
क्यूंकि मैंने पाल रखे थे आस्तीन के सांप

-बृजेन्द्र कुमार वर्मा 


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