सीखने के लिए मैंने हर जख्म सींचे हैं, पढ़ना है दर्द मेरा तो सब लिंक नीचे हैं

गुरुवार, दिसंबर 31, 2020

मैं सच कहूं तो मेरी बुराई करता है


 मैं सच कहूं तो मेरी बुराई करता है 

वो झूठ पे झूठ कहे तो उसकी बातों पे मरता है 


गलतियाँ करे खुद, उसे शर्म नहीं आती 

अपनी गलतियाँ को वो दूसरों पे मढ़ता है 


तेरी तस्वीर देख के खुद को रोक लेता हूँ

जब भी नफरत का जूनून सर पे चढ़ता है 


बड़ा बनने का रास्ता सिर्फ एक होता है 

गलती मान के जो अपना दिल साफ़ करता है 

- बृजेन्द्र कुमार वर्मा 

सदमा

-बृजेन्द्र कुमार वर्मा 

 वो कुछ कर नहीं पाया, तस्वीर दीवार पे लगाए बैठा है,

इश्क ने ऐसा हराया उसे , सदमा दिल पे लगाए बैठा है,

बयाँ करो तो हंस के चले जाते हैं  लोग, 

यही कारण है कि हर दर्द छुपाये बैठा है 

जिन्दगी में आया जो भी, वो धोखा देके जाता रहा 

सुना है अब वो अपनी आस्तीन में छुरा छुपाये बैठा है. 

जानता है, कोई सुन नहीं सकता इस गम के समंदर को 

इसलिए अपनी जुबां पे लगाम लगाए बैठा है 

मैं कैसे कह दूं वो शख्स हरामी है, 

जो अपनी जिन्दगी भी दांव पे लगाए बैठा है 

बिना रिश्वत के वो कुछ कर नहीं सकता 

देख लो अभी तक फाइल दबाये बैठा है. 

-बृजेन्द्र कुमार वर्मा