सीखने के लिए मैंने हर जख्म सींचे हैं, पढ़ना है दर्द मेरा तो सब लिंक नीचे हैं

रविवार, दिसंबर 16, 2012

मुझे लगता है.....

-घूमने का सिलसिला तब शुरू होता है --जब या तो नोकरी ढूँढी जाए या छोकरी ....या फिर दोनों मिल जाएँ...


-अगर सन 2000 में ही F.D.I को हरी झंडी दे दी होती तो...
व्यापारी प्याज + टमाटर का स्टॉक नहीं कर पाते और न ही हमें प्याज + टमाटर 80-100 रुपये खरीदना पड़ता....
देर आये दुरुस्त आये....
अब देखता हूँ कैसे स्टॉक करते हैं प्याज + टमाटर.....

-त्योहारों के समय फल स्टॉक कर लिए जाते हैं और मन माने कीमत पर बेचे जाते हैं.
आम दिनों के मुकाबले त्योहारों में फल महंगे बिकते हैं..
इन व्यापारियों की नकेल कसने के लिए जरूरी है देश में FDI होना.
क्योंकि विदेशियों को हमारे रक्षा बंधन, दिवाली, नव दुर्गा, ईद से लेना देना नहीं तो निश्चित है के इन दिनों ये फल भी महंगे नहीं बेचेंगे....
...ध्यान दीजिए टेलीकोम कम्पनियाँ - ये सब त्योहारों में ही फुल टाक टाइम देते हैं :-)