सीखने के लिए मैंने हर जख्म सींचे हैं, पढ़ना है दर्द मेरा तो सब लिंक नीचे हैं

रविवार, अक्तूबर 05, 2008

श्रमदान या शादी का कदम - राहुल गाँधी


अब राहुल जी ने तसला भी उठा लिया । अच्छी बात है कामयाबी को जल्दी छुएंगे । भई मेहनत का फल तो मीठा होता ही है।
सुना है कि राहुल गाँधी ने राजस्थान के बरन जिले के पिंजरा गाँव में श्रमदान किया है।
मेरी एक महिला मित्र हैं। जिनती वो प्यारी और भोली है उतनी ही चकड़ भी। अब आज वो मुझसे लड़ पड़ी बात सिर्फ़ ये थी कि वो मानती है राहुल जी कि मेहनत गरीबो के दर्द को जानना नही है बल्कि उनका उद्देश्य कुछ और है।
मैंने झट से कहा फिर क्या राजनीति वो बोली तुम तो पूरे........ ।

मैंने खीज कर कहा तुम ही बताओ?
समझाने लगी - एक तो वो कुंवारे हैं। उनके पूरे देश में घूमने का एक-आध उद्देश्य नही कुछ और भी है। वो राजनीति प्रबल और जिन्दगी सुखद बनाने कि मस्श्कत्त में लगे हैं। लोगों का सवाल होता है कि आप (राहुल जी ) शादी कब कर रहे हैं? तो वे कहते हैं मोका आने पर बताऊंगा क्यों नहीं बताते ? असल बात ये है, कि वे अभी ओपसन ही ढूँढ रहे हैं। ख़बर तो ये भी है कि वो वहाँ गाँव कि महिलाओं से भी मिले।
मैंने कहा ये सरासर ग़लत है। और दूसरी बात तुमने उनके श्रमदान को शादी से क्यों जोड़ा ? श्रमदान और शादी का आपस में क्या सम्बन्ध ? वो गुस्से में "तुम" कि जगह "तू" करके बोली अबे तू कभी पत्रकार नहीं बन सकता। मुझे धोड़ा अटपटा लगा। उसने इसके लिए एक अजीब ही तर्क दिया।
कांग्रेस के महासचिव युवराज इसलिए फावड़ा नहीं चला रहे हैं कि वो गरीबो का दर्द समझ सके या इसलिए तसला नहीं उठा रहे कि वो राजनीति है। बल्कि इसलिए ताकि यदि भविष्य में कभी भगवान् न करे कि वो राजनीति में असफल हो जाए तो अपनी धर्मपत्नी का पेट फावड़ा चलाकर और तशला उठाकर तो भर ही सकें।
मैंने उसका घोर विरोध किया। लेकिन ये उसका विचार था जो में बदल भी नहीं सकता।
खेर देखना अब ये है कि युवराज अपनी जीवन संघ्नी का नाम कब बतायेंगे और उनका अगला कदम क्या होगा.....

5 टिप्‍पणियां:

प्रदीप मानोरिया ने कहा…

सार्थक बात कसी हुयी बुनावट पैना व्यंग शुक्रिया वर्मा जी
नैनो की विदाई नामक मेरी नई रचना पढने हेतु आपको सादर आमंत्रण है .आपके आगमन हेतु धन्यबाद नियमित आगमन बनाए रखें

विवेक राय ने कहा…

भाई वर्मा जी आपका प्रयास सराहनीय है आपने बड़ी ठीक बात कही अगर राहुल गाँधी राजनीती में असफल हो जाते है तो उनके पास तसला फावडे का आप्शन है | आपका व्यंग अच्छा लगा ...
आगे भी हमे सूचित करते रहिएगा vivek rai

प्रदीप मानोरिया ने कहा…

आपके मेरे ब्लॉग पर पधार कर उत्साह वर्धन के लिए धन्यबाद. पुन: नई रचना ब्लॉग पर हाज़िर आपके मार्ग दर्शन के लिए कृपया पधारे और मार्गदर्शन दें

shodarthi ने कहा…

और भाई साहब महिला मित्र के बारे मई भी बतायेगे तो और ठीक होगा यदि मै धोखा नही खा रहा हु तो सबके सामने आप भी अभी कुवारे ही है लकिन आपकी करतूतों से तो नही लगता की आप अभी कुवारे है रही बात राहुल घंधी की तो वह जो कर रही है वह तो ठीक है लकिन आप अपनी महिला मित्र के बारे मै भी सोचिया

yogesh ने कहा…

hi
bandhu aisa hai ki aapne apni mahila mitr se bahas to zarur ki par kahin kahin dhilai barat di unhe samjhaiye ki kya kabhi yuvraj tasla phada uthakar kam kar sakta hai nahi na. rahul ka is tarah se tasla uthana ek bahut lambi yojna ke tahat kiya gaya kary hai. ye rajniti hai isme sab jayaz hai.