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बुधवार, नवंबर 15, 2017

दुर्भाग्य, हमारा या देश का ?

क्या आपने खुले आम धांधली या भ्रष्टाचार होते हुए देखा है???
नहीं ?
तो पढ़िए 

ये दुर्भाग्य हमारा है या देश का. एक छोटा सा उदाहरण देखिये.

दोस्तों मेरी पत्नी ने IIT Mandi में फॉर्म भरा. पोस्ट है (अब कहना चाहिए "पोस्ट थी") Library Trainee.

इसकी लिखित परीक्षा होनी है 15 नवम्बर को और call letter (फोटो में) आ रहा है आज शाम यानि 14 नवम्बर को. 

मैंने इस देरी का कारण जानना चाहा. 

1. लैटर स्पीड पोस्ट से आया जो 6 नवम्बर को बुक हुआ. इसका consignment no है- EE766680210IN . आप स्वयं https://www.indiapost.gov.in/VAS/Pages/TrackConsignment.aspx
इस लिंक से पता कर सकते हैं.

2. लैटर पर तारिख है 2 नवम्बर (फोटो देखिये). अब सवाल ये है कि 2 तारिख का लैटर 4 दिन तक अपने पास क्यों रखा गया??

3. लैटर 2 या 3 नवम्बर को क्यों नहीं भेजा गया??

4 इण्डिया पोस्ट वाले भी गजब हैं. एक तरफ कहते हैं, 4 दिन में स्पीड पोस्ट पहुँच जायेगा... और इनका हाल देख लो.

अब मैं आपको पूरी कहानी समझाता हूँ.

जब कोई पोस्ट पर रिश्वत या धांधली या अप्रोच या भ्रष्टाचार से भरना हो तो ऐसे संस्थान या विभाग ऐसे ही करते हैं.... लैटर पर कुछ और तारिख लिख देते हैं.... ताकि अभ्यर्थी को लगे कि बहुत मेहनत की जा रही है... और बहुत पहले ही लैटर भेजे जा रहे हैं... फिर उसे फाइलों में दबा दिया जाता है... फिर call letter तब भेजे जाते हैं... जब अभ्यर्थी के लिए वहाँ पहुँचाना संभव नहीं हो पता जहाँ परीक्षा होनी है. ..ऊपर से लिख दिया जाता है की विलम्ब के लिए संस्थान जिम्मेदार नहीं होगा. चूंकि हर कोई जनता है की इंडिया पोस्ट का कोई भरोसा नहीं कब पहुंचे. ऐसे में इसका भी लाभ ले लिया जाता है.

इस तरह कुछेक पहुँच जाते हैं.... और बहुत से नहीं पहुँच पाते (जैसे मेरी पत्नी नहीं पहुँच सकती)  और भीड़ स्वतः ही हट जाती है.. जो बचे कुचे होते हैं परीक्षा में उन्हें इंटरव्यू में रगड़ देते हैं....
अंततः चयन उसका हो जाता है जिसके लिए पूरी प्रक्रिया की गयी.

अब बात आती है, चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाने की. तो भैया आप एक भी सवाल नहीं उठा सकते क्योंकि... चयन पूरे नियम और कानून के तहत हुआ होता है. 

फिर चाहे आप RTI डालो या high court जाओ या supreme court आप इनका कुछ नहीं बिगाड़ पाते.
कुछ किस्मत को दोष देते हैं... कुछ मेरे जैसे लिखते हैं.
लेकिन होता कुछ नहीं.

जितना बड़ा संस्थान, उतनी बड़ी धांधली वो भी उच्च कोटि की. वो भी खुलेआम. कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता इनका.. क्योंकि जो बिगाड़ सकते हैं.... उन्हें "हिस्सा" पहुंचा दिया जाता है.
ऐसे में कोई कार्यवाही नहीं. 
(कार्यवाही तभी होती है जब व्यक्तिगत नुक्सान हो सकने की सम्भावना हो या "हिस्सा" न पहुंचा हो. कभी कभी देश भक्त भी भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करते और कार्यवाही कर देते हैं.)
खैर 

तुन तुना बजाते रहिये... राधे श्याम गाते रहिये...




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