सीखने के लिए मैंने हर जख्म सींचे हैं, पढ़ना है दर्द मेरा तो सब लिंक नीचे हैं

शुक्रवार, जुलाई 13, 2012

बस एक अंतराल

मेरे साधू पाठकों और प्यारे दोस्तों कुछ भविष्य की बातों के चलते मैं कुछ लिख नहीं पा रहा हूँ...
बहुत सी बातें है दिमाग में और उन्हें आप तक पहुचना भी चाहता हूँ, लेकिन मुझे जरूरी समय नहीं मिल पा रहा. मैं इसके लिए क्षमा प्रार्थी हूँ.
पर, मैं आपसे वादा करता हूँ,  परेशानियों का समाधान होते ही मैं वापस आपके प्यार को पाने के लिए आपके कंप्यूटर स्क्रीन पर पहुंचूंगा.....
.
अब आप मुस्कुरा दीजिए, ताकि मुझे ये अहसाह हो जाए के अपने मुझे माफ कर दिया...
.
क्षमा याचना के साथ धन्यवाद.

कोई टिप्पणी नहीं: