जो छात्र छात्राएं उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं या कर चुके हैं, शिक्षक बनना चाहते हैं या बन चुके हैं, वे हो सके तो अपना अध्ययन शेयर करें, उन्होंने क्या विशेष सीखा जो वे समाज को देना चाहते हैं.
अभी तमाम लोग सोशल मीडिया से जुड़े हैं, ऐसे में ज्ञानार्जन कर रहे विद्यार्थी अपनी कोई विशेष योगता शेयर कर लोगों को ज्ञान विज्ञान आदि की जानकारी दे सकते हैं. समाज के आधी जनता भी चाहे तो सोशल मीडिया का उच्चतम उपयोग किया जा सकता है. सिर्फ ये कह देना की सोशल मीडिया जहर फैला रहा है... फलां फलां कर रहा है, इससे कुछ नहीं होगा.
सोशल मेदिय अभी कोरे कागज की तरह होता है. आप उस पर कुछ भी शेयर कर सकते हैं. जैसे एक कलाकार, केनवास पर कुछ भी चित्र उकेर सकता है, जैसे कुम्हार मिट्टी से कोई भी बर्तन बना सकता है, ऐसे भी सोशल मिडिया का उपयोग उपयोगकर्ता कैसे भी कर सकता है... ज्ञान वर्धक जानकारी देकर या फिर जहरीली बातें शेयर करके.... आप माध्यम को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते... माध्यम को उपयोग करने वालो पर सवाल जरूर उठा सकते हैं.
जैसे, युद्ध में बन्दूक से दुश्मन को मारे तो सही लेकिन उसी बन्दूक से किसी अन्य को मार दें तो इसमें बन्दूक पर सवाल नहीं उठा सकते. वह तो सिर्फ एक उपकरण है. बिलकुल इसी तरह से आप सोशल मीडिया पर सवाल नहीं उठा सकते क्योंकि ये एक माध्यम है लोगो से, समूह से जुड़ने का. अब चाहे इसका सही उपयोग किया जाए या गलत.
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