कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि ऑनलाइन जुड़ाव नया आईडिया है.
नहीं भाई, फेसबुक पर "उस तरह" के लोग "उस तरह" के लोगों के लिए कई बार और कई साल से ऑनलाइन मीटिंग कर रहे हैं, जिसमें कुछ "उस तरह" के कर्मचारियों को बैठा दिया जाता है और घंटों बात चीत होती रहती है... सवाल जवाब चलते रहते हैं.
हालाँकि ये लोग, राजनीती, विकास, अर्थव्यवस्था आदि पर बात नहीं करते. लेकिन हां ज्ञान जरूर देते हैं.
क्राइम ब्रांच अधिकतर ऐसे लोगों पर नजर रखता है. देश में कई सालों से ह्यूमन ट्रेफिकिंग का सिलसिला जारी है. इन सब को आपस में जोड़ने की कोशिश कीजिये तो पता चल जायेगा. ऑनलाइन कब से और किस बारे में होती आ रही है.
और अंत में
फेसबुक पर ऑनलाइन गेदरिंग नई नहीं है. इसे दुर्भाग्य ही कहा जायेगा, की देश में नई से नई तकनिकी का, शुरूआती दौर में गलत वर्ग के लोग ही उपयोग करने लगते हैं, सही उपयोग तो दैर में शुरू होता है .
तभी तो कहावत बनी है, देर आये दुरुस्त आये.
नहीं भाई, फेसबुक पर "उस तरह" के लोग "उस तरह" के लोगों के लिए कई बार और कई साल से ऑनलाइन मीटिंग कर रहे हैं, जिसमें कुछ "उस तरह" के कर्मचारियों को बैठा दिया जाता है और घंटों बात चीत होती रहती है... सवाल जवाब चलते रहते हैं.
हालाँकि ये लोग, राजनीती, विकास, अर्थव्यवस्था आदि पर बात नहीं करते. लेकिन हां ज्ञान जरूर देते हैं.
क्राइम ब्रांच अधिकतर ऐसे लोगों पर नजर रखता है. देश में कई सालों से ह्यूमन ट्रेफिकिंग का सिलसिला जारी है. इन सब को आपस में जोड़ने की कोशिश कीजिये तो पता चल जायेगा. ऑनलाइन कब से और किस बारे में होती आ रही है.
और अंत में
फेसबुक पर ऑनलाइन गेदरिंग नई नहीं है. इसे दुर्भाग्य ही कहा जायेगा, की देश में नई से नई तकनिकी का, शुरूआती दौर में गलत वर्ग के लोग ही उपयोग करने लगते हैं, सही उपयोग तो दैर में शुरू होता है .
तभी तो कहावत बनी है, देर आये दुरुस्त आये.
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