हमारा ब्लॉग "ग्रामीण प्रत्रकारिता" पर प्रकशित लेख का अंश
(ब्लॉग ग्रामीण विकास के लिए समर्पित है. सभी सम्माननीय पाठकों का स्वागत है.)
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"...... किसान, मजदूर, सब्जी विक्रेता, दुकानदार, दूध विक्रेता आदि गांव से शहर सामान लेने आते हैं अथवा अपना सामान बेचने जाते हैं. इसमें मोबाइल फोन अहम भूमिका निभाने लगा है। किसान का ही उदाहरण ले लिया जाए तो पता चलेगा कि पुराने समय में किसान शहर में अपनी फसल बेचने बैलगाड़ी या ट्रेक्टर से जाता था। यदि भाव कम भी है तो मजबूरन बेचना पड़ता था, क्योंकि वापस ले जाने में भी खर्चा होता था। लेकिन मोबाइल फोन आने के बाद ऐसा नहीं है। अब किसान पहले ही मोबाइल फोन से कॉल करके फसल का भाव अथवा बिक्री कीमत पता कर लेते हैं, यदि लाभ होता है तो उसके बाद ही शहर जाते हैं अथवा भाव गिर जाने पर वे ..."
पूर्ण लेख के लिए लिंक-
https://grameenpatrakarita.wordpress.com/2018/08/24/%E0%A4%97%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A5%80%E0%A4%A3%E0%A5%8B%E0%A4%82-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%9C%E0%A4%B0%E0%A5%82%E0%A4%B0%E0%A4%A4-%E0%A4%AC%E0%A4%A8%E0%A4%A4%E0%A4%BE-%E0%A4%AE/
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