कुछ दिनों से एक विज्ञापन मुझे बेहद प्रभावित कर रहा है, इतना कि इस विज्ञापन के बारे में लिखने को मजबूर हो गया और मैं खुश भी हूँ कि शायद मैं पहला शख्स हूँ जो इस विज्ञापन की लिखित तारीफ़ कर रहा हूँगा.
मैं बात कर रहा हूँ. तनिष्क ज्वेलरी के विज्ञापन की. ये हाल ही में प्रसारित होना शुरू हुआ है.
इस विज्ञापन में वो ख़ास बात है जिस पर राज कपूर साहब पहले ही पुरजोर तरीके से "प्रेमरोग" पर काम कर चुके हैं......पुनर्विवाह.
इस विज्ञापन में अपने देखा होगा, एक महिला गहनें पहनकर सज धज रही है, इतने में एक नन्ही बालिका आती और उस महिला के साथ स्वयं सजने की बात करती है. थोड़ी देर में वे दोनों समारोह में जाते हैं, जिसमें पता चलता है कि वह महिला (जो सज रही थी) शादी कर रही है.
सभी फोटो गूगल फोटो से साभार. |
फेरे लेते समय वो नन्ही बालिका उस महिला को "ममा" (माँ) कहकर बुलाती है. तभी विज्ञापन में खुलासा होता है कि महिला का पुनर्विवाह हो रहा है.
बेहद सादगी के साथ पुनर्विवाह को प्रोत्साहित किया. जबकि देखा ये गया है कि पैसे कमाने की होड़ और बिजिनेस के लिए कंपनी कभी सभ्यता या संस्कृति पर ध्यान नहीं देती. पर इस बार तनिष्क ने इस नजरिये को भी बदला है और धारणा को भी.
मैं व्यक्तिगत तौर पर इस कंपनी के इस तरह के विज्ञापन को प्रसारित करने की क्षमता की प्रशंसा करता हूँ... क्यूंकि जहाँ आज भी देश में पुनर्विवाह को हेय दृष्टि से देखा जाता है वह बिजिनेस को ताक पर रखकर जोखिम उठाना हर कंपनी के बस की बात नहीं होती...
तनिष्क, मैं आपकी सराहना करता हूँ.
मैं उस स्क्रिप्ट रायटर की भी तारीफ खुले मन से करता हूँ, जिसने इस कांसेप्ट को कंपनी के सामने बेझिझक रखा होगा...
बेहद सुखद और प्रेरित करने वाला विज्ञापन.
(मैं एक बात और साफ़ कर दूं, कि जीवन में मैंने तनिष्क के उत्पाद नहीं ख़रीदे.)
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