Amar Ujala (Lucknow edition) 7 nov 13 page-11 |
7 नवम्बर का अमर उजाला पढ़ा. अच्छा दैनिक समाचार पत्र है. पर मेरी नजर में इसकी उत्कृष्टा तब कम हो गयी, जब मेरी नज़र अलग अलग पेज पर एक जैसी खबरों पर गयी.
Amar Ujala (Lucknow edition) 7 nov 13 page-11 |
ये बिल्कुल ऐसे ही है जेसे कुछ महीनों पहले हुआ था. जब दिल्ली में "निर्भया" के साथ दुराचार, हुआ तो पूरे देश का खून खोल गया और जब उसी दौरान, उसी दिल्ली में दलित का बालात्कार हुआ तो उन्हीं लोगों के खून में न जाने कौन सा बेक्टीरिया लग गया कि खून खोला ही नहीं.
लगता है अखबारों ने भी वही चलन स्वीकार कर लिया है.
एक बात तो साफ़ है, अभी दलित, पिछड़ों, गरीबों को और संघर्ष करना होगा.
सम्बंधित खबर - (http://teesrakadam.blogspot.in/2013/02/blog-post.html)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें