आज पूरे कोटद्वार में लोग भारत की जीत का जश्न मना रहे हैं। पाकिस्तान को हराकर अब भारत क्रिकेट वर्ल्ड कप के फ़ाइनल में आ चुका है। अपनी पोस्ट लिखते समय भी मैं बम, पटाखों और रोकिटों की आवाजे सुन रहा हूँ। लोग जश्न में डूबे हैं। 120 रूपये वाले रोकिट उडाये जा रहे हैं जो काफी ऊपर तक जाते हैं और फिर रंगों के बादल में बदल जाते हैं।
मेरे पडोसी 500 रूपये में ढोल वाले को बुलाकर ढोल बजवा रहे हैं। सब खुश हैं।
कमाल है इतना तो देश तब खुशियाँ नहीं मना रहा था भारत देश पाकिस्तान के खिलाफ कारगिल युद्ध में 1999 में जीता था।
लोगों से पूछिए कि फ़ाइनल में पहुचने में भारत को जिताने वाले कौन से क्रिकेट हीरो हैं तो लोगों कि जुबाने कैची की तरह चलने लगेगी, " अरे युवराज है, सहवाग है, धोनी को क्यों भूल रहे हो, और सचिन की तो बात ही अलग है ..."
अब उनसे ये पूछा जाए कि अच्छा बताओ कि कारगिल में भारत को जिताने वाले कौन से हीरो हैं तो केंची की तरह जुबान चलाने वाले लोगों को साँप सूंघ जायेगा, अब शायद लोग सौरभ कालिया को भूल गये होंगे, देविंदर सिंह और संजय कुमार भी शायद याद नहीं होंगे...
शुक्र मनाओ भारतियों को कुछ तो याद है।
मेरे पडोसी 500 रूपये में ढोल वाले को बुलाकर ढोल बजवा रहे हैं। सब खुश हैं।
कमाल है इतना तो देश तब खुशियाँ नहीं मना रहा था भारत देश पाकिस्तान के खिलाफ कारगिल युद्ध में 1999 में जीता था।
लोगों से पूछिए कि फ़ाइनल में पहुचने में भारत को जिताने वाले कौन से क्रिकेट हीरो हैं तो लोगों कि जुबाने कैची की तरह चलने लगेगी, " अरे युवराज है, सहवाग है, धोनी को क्यों भूल रहे हो, और सचिन की तो बात ही अलग है ..."
अब उनसे ये पूछा जाए कि अच्छा बताओ कि कारगिल में भारत को जिताने वाले कौन से हीरो हैं तो केंची की तरह जुबान चलाने वाले लोगों को साँप सूंघ जायेगा, अब शायद लोग सौरभ कालिया को भूल गये होंगे, देविंदर सिंह और संजय कुमार भी शायद याद नहीं होंगे...
शुक्र मनाओ भारतियों को कुछ तो याद है।
1 टिप्पणी:
बहुत बढ़िया लिखा है सर
मेल करने के लिए भी धन्यवाद
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