समाचार चैनलों पर तीसरी लहर पर बहस शुरू हो गयी है.
पहली लहर - बुजुर्ग प्रभावित
दूसरी लहर - जवान प्रभावित
तीसरी लहर - ???
बुजुर्ग, जवान फिर ------- ये सवाल यदि किसी भी पढ़े लिखे या अनपढ़ किसी से भी करो तो जवाब "बच्चे" ही आएगा.
स्वास्थ्य एवं अन्य जानकार भी उत्तर "बच्चे" ही दे रहे हैं... लेकिन किस तर्क पर?
स्वास्थ्य अधिकारियों को जनता को वायरस के प्रभाव के तर्कों के आधार पर जागरूक करना चाहिए ताकि वे समझ सकें, वो भी आसान शब्दों में.
माननीय न्यायलय भी प्रश्न पूछ सकते हैं कि किस आधार पर "बच्चे" उत्तर दिया जा रहा है, इससे सटीक जानकारी मिलने सम्भावना होगी.
माना कोरोना ताकतवर हो रहा है, तो भी वो घर में कैसे आएगा???
जो लोग बाहर जाकर घर में कोरोना ला रहे थे, उससे तो बच्चे पहली लहर में भी प्रभावित हो रहे थे. तो तीसरी लहर में विशेष क्या होगा ये जानना माता-पिताओं के लिए जरूरी होगा.
और दूसरी बात जो बच्चे पहले से ही घर में हैं, जो बाहर न स्कूल जा रहे हैं, न नौकरी करने, न बिज़नस करने, न कोई जिम्मेदारी का निर्वहन तो फिर कोरोना कैसे प्रभावित करेगा???
यदि ये पता चले तो परिवार पहले ही कुछ न कुछ बचाव के निर्णय ले सकेंगे.
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