4 जुलाई को यूपी टेट बेसिक सहायक अध्यापक शिक्षा भर्ती 72825 की मेरिट जारी कर दी गई और साथ ही सरकार और अधिकारियों ने अपनी अक्ल का परिचय भी दे दिया.
हुआ ये की जब मेरिट जारी की तो साथ ही अभ्यर्थियों की सामान्य जानकारी जैसे नाम, पता, जन्मतिथि, यूपी टेट 2011 नम्बर भी अपलोड किये. इन जानकारियों में भारी गलतियों कर दी गयीं. और कह दिया कि जिन अभ्यर्थियों की सूची जारी की है उनके सामान्य जानकारी गलत उपलोड हुयी है वे 5-8 जुलाई तक जहाँ फॉर्म भरा है उस जिले के डाईट में स्वयं जाकर प्रतिवेदन देकर ठीक करा सकते हैं.
क्या अजीब बात है. सोचिये, जिसने 20-30 जहग फॉर्म भरा है वह मात्र 3-4 दिनों में सभी जिलों में कैसे जा सकता है. इतना ही नहीं, जिस वेबसाइट पर जानकारी उपलोड की वो दो दिन तक इतनी बिजी रही की कई हजार लोग तो खोल ही नहीं पाए. उन्हें यही पता नहीं चल पाया दो दिनों में कि किस किस जिले में उनकी सामान्य जानकारी में गलती है.
क्या अधिकारी इस छोटी सी बात को समझ नहीं पाए कि अभ्यर्थियों ने कम से कम 5 और अधिक से अधिक 65 जिलों में फॉर्म डाला हैं. ऐसे में वे कैसे प्रत्येक जिले के डाईट में पहुच कर ठीक करा पायेंगे.
मान लीजिये किसी अभ्यर्थी के फॉर्म की जानकारी सहारनपुर] सोनभद्र और कुशीनगर में गलत है. तो वह 4 दिन में कैसे उत्तर प्रदेश की अतिम छोर पर बसे इन जिलों में जा पायेगा.
हालाँकि अभ्यर्थियों ने जबरदस्त विरोध और सरकार और अधिकारियों की अक्ल के चर्चे होने के बाद गलतियों को सुधारने की तिथि भी बढ़ा दी गई और सम्बंधित जिले में जाने के बजाये स्पीड पोस्ट का विकल्प भी दे दिया.
ऎसी अकाल का परिचय सिर्फ उत्तर प्रदेश में देखने को मिलता है.
आप भी आमंत्रित हैं ये सब देखने के लिए. आइये हमारे उत्तर प्रदेश.
05-07-2014 AMAR UJALA LKO |
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क्या अजीब बात है. सोचिये, जिसने 20-30 जहग फॉर्म भरा है वह मात्र 3-4 दिनों में सभी जिलों में कैसे जा सकता है. इतना ही नहीं, जिस वेबसाइट पर जानकारी उपलोड की वो दो दिन तक इतनी बिजी रही की कई हजार लोग तो खोल ही नहीं पाए. उन्हें यही पता नहीं चल पाया दो दिनों में कि किस किस जिले में उनकी सामान्य जानकारी में गलती है.
क्या अधिकारी इस छोटी सी बात को समझ नहीं पाए कि अभ्यर्थियों ने कम से कम 5 और अधिक से अधिक 65 जिलों में फॉर्म डाला हैं. ऐसे में वे कैसे प्रत्येक जिले के डाईट में पहुच कर ठीक करा पायेंगे.
मान लीजिये किसी अभ्यर्थी के फॉर्म की जानकारी सहारनपुर] सोनभद्र और कुशीनगर में गलत है. तो वह 4 दिन में कैसे उत्तर प्रदेश की अतिम छोर पर बसे इन जिलों में जा पायेगा.
हालाँकि अभ्यर्थियों ने जबरदस्त विरोध और सरकार और अधिकारियों की अक्ल के चर्चे होने के बाद गलतियों को सुधारने की तिथि भी बढ़ा दी गई और सम्बंधित जिले में जाने के बजाये स्पीड पोस्ट का विकल्प भी दे दिया.
ऎसी अकाल का परिचय सिर्फ उत्तर प्रदेश में देखने को मिलता है.
आप भी आमंत्रित हैं ये सब देखने के लिए. आइये हमारे उत्तर प्रदेश.
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