जज्बात-ए-गम ने मुझे ऐसा डुबो दिया,
हर अश्क तेरा समंदर लगा मुझे.....
.....
मैं भूल बैठा हूँ पहले से क्यों याद दिलाता है,
और याद दिला के उसकी क्यों और सताता है......
हर अश्क तेरा समंदर लगा मुझे.....
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मैं भूल बैठा हूँ पहले से क्यों याद दिलाता है,
और याद दिला के उसकी क्यों और सताता है......
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