आज बी.एड पूरा होने के साथ ही मैंने अपने जीवन की एक और सीढी पार कर ली है।
खुश हूँ। अपने इस उद्देश्य के कारण कुछ लिख नहीं पा रहा था। अब लिखने को वक़्त भी है और मौका भी।
अब फिर तीसरा कदम आगे बढेगा उनके लिए जो समझ नहीं पा रहे कि आखिर किधर जाना है।
कृपया अपना सहयोग मुझे देते रहें।
आपका बृजेन्द्र वर्मा
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