भारत में अमेज़न ऑनलाइन शौपिंग साईट नंबर वन यूं ही नहीं बनी, बल्कि कुछ कारण हैं.
हाल ही में मैंने अमेज़न से 8 पेन का सेट खरीदा । उसमें पेन के साथ एक रिफिल कंपनी फ्री दे रही थी. ऐसे में 8 पेन के साथ मुझे 8 रिफिल भी मिलनी चाहिए थी. लेकिन यहाँ सेलर ने कर दिया गड़बड़.
जब ये सामान मेरे घर आया तो मैंने इसे खोला और देखा कि पेन वही है, लेकिन ये फ्री रिफिल वाला ऑफर वाला सेट नहीं है । मुझे 8 रिफिल नहीं मिली, जोकि मिलनी चाहिए थी. बाज़ार में उस रिफिल कि कीमत 20 से 25 रूपए है, ऐसे में मुझे लगभग 160 से 200 रूपए के बीच का सीधा नुक्सान हुआ.
मैंने अमेज़न पर इसे रिप्लेस/रिटर्न के लिए निवेदन (रिक्वेस्ट) कर दिया.
अब बात आती है अमेज़न की. भारत में शायद ही ऐसी सर्विस होगी कि कम्पनी खुद ग्राहक को कॉल करे. लेकिन अमेज़न ऐसा ही करती है. "टोक टू अस" पर मैंने कॉल के लिए नंबर टाइप किया और क्लिक कर दिया, क्लिक करते हैं कॉल आ गया.
मैंने 8 पेन के साथ 8 रिफिल न मिलने की बात कही. कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव ने तुरंत ही रिप्लेस किया और रिटर्न का आदेश कर दिया.
इतना ही नहीं, मैंने शिकायत भी कर दी, कि इस पेन बेचने वाले सेलर के इस उत्पाद (प्रोडक्ट) को अमेज़न पर बेचने से रोक लगा दी जाए, ताकि कोई और ग्राहक को परेशानी न हो. मेरी इस शिकायत को आगे बढ़ाया (फॉरवर्ड) गया.
फिर क्या था, कुछ दिन बाद अर्थात आज 12 सितम्बर को उस प्रोडक्ट को अमेज़न पर बेचने से रोक दिया गया. (फोटो में आप देख सकते हैं) ताकि और ग्राहकों को परेशानी का सामना न करना पड़े.
अमेज़न का भारत में ऑनलाइन शौपिंग में नंबर 1 पर रहने का ऐसे ही कई कारण हैं. करोड़ों की खरीद यूं ही नहीं होती इस वेबसाइट से.
भारत में भारतीय ऑनलाइन शौपिंग साईट भी हैं, जो टक्कर देना चाहती हैं, लेकिन अमेज़न को टक्कर देने के लिए उन्हें कड़े निर्णय लेने की क्षमता को विकसित करना होगा. ग्राहक को सर आँखों पर बैठाना होगा, नहीं तो अमेज़न को टक्कर देना सपना ही रहेगा.
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