सीखने के लिए मैंने हर जख्म सींचे हैं, पढ़ना है दर्द मेरा तो सब लिंक नीचे हैं

शुक्रवार, मई 29, 2015

हाँ

किस्मत से ज्यादा किसी को कुछ न मिला है और न ही मिल सकता है.
हमें सिर्फ ये प्रयास करते रहना चाहिए कि हम समझ में अच्छे से अच्छा कर सकें. बाकि सब भगवान् पर छोड़ देना चाहिए.
कहते हैं, जिसके कर्म सही हैं उसका सब कुछ सही है. और जिसके कर्म ख़राब हैं, वो कितना ही अच्छा दिखावा कर ले. पर उसका प्रतिफल उसे उसके कर्मों के अनुसार ही मिलता है. 

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