कई दिनों बाद लिखने का मौका मिला। कहाँ से शुरू करूं कुछ समझ नहीं आ रहा। पहले तो आपने सभी सुधि पाठकों से माफ़ी मांगता हूँ जो इतने दिनों बाद लिख रहा हूँ। थोडा भविष्य को लेकर व्यस्त था। इसलिए लिख नहीं पा रहा था। अब थोडा सा समय मिला तो सोचा के कंप्यूटर के की बोर्ड पर उंगलियाँ चला लूं।
उत्तर प्रदेश में यूपी टेट की भर्ती में देर पर देर होती जा रही है। केंद्र से प्रशासन को कहा गया था कि विशिष्ट बीटीसी की भर्ती 25 दिसम्बर तक (काउंसलिंग सहित) हो जानी चाहिए और 1 जनवरी 2012 से चयनित अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण देना शुरू हो जाना चाहिए। लेकिन यहाँ ये हाल हैं कि प्रशिक्षण तो दूर यहाँ तो अभ्यर्थियों की काउंसलिंग ही नहीं हुयी। पहले यूपी टेट पास करके विशिष्ट बीटीसी के फॉर्म भरने की अंतिम तारीख थी 19 दिसम्बर फिर इसे 23 दिसम्बर किया गया और अब फॉर्म भरने की अंतिम तिथि को बढाकर कर दिया 9 जनवरी 2012 कहीं ऐसा न हो के इसे फिर आगे बढ़ा दिया जाए।
जहाँ 4 बार यूपी टेट का रिजल्ट रिवाइज (सुधार ) हो चुका हो तो वहां काउंसलिंग तो भगवान् भरोसे होगी ही।
इसे बीएसपी का दांव-पेंच भी कह सकते हैं और प्रशासन की लापरवाही। क्या पता बीएसपी ये चाहती हो के आधा काम अभी करो और आधा काम इलेक्शन के बाद। क्योंकि हर अभ्यर्थी ये जानता है कि अगर सपा सत्ता में आई तो ये भर्ती भी केंसल हो सकती है तो क्यों न बीएसपी को ही वोट देकर और उसे जीता कर बाकी आधी प्रक्रिया भी पूरी करा दी जाए, इससे सरकारी नौकरी जो मिल रही है वो आस तो नहीं टूटेगी।
लाख अभ्यर्थी यूपी टेट में पास हुए हैं। और विशिष्ट बीटीसी के फॉर्म भर रहे हैं। ऐसे में 3 लाख ये वोट + इनके परिवार और सगे सम्बन्धी। इतना ही नहीं वो छात्र जो इस बार पास नहीं हो पाए उन्हें ये आस है कि अगली बार ये सरकार जल्दी फिर भर्ती निकालेगी, उनकी संख्या + उनके फेमली की संख्या। ऐसे करके लाखों वोट तो सिर्फ शिक्षक भर्ती से ही जुड़े हुए हैं।
खेर दांव-पेंच कुछ भी हो, लेकिन बस भर्ती हो जान चाहिए। छात्रों का काफी पैसा इसमे लग चुका है जो कि ज्यादातर व्यर्थ में खर्च हुआ।
देखते हैं की 9 जनवरी के बाद कब कौंसलिंग कराई जाती है। सबको इंतज़ार है 9 जनवरी के बाद का।
सुनने में तो ये आ रहा है कि प्रशासन ने केंद्र से भर्ती की प्रक्रिया के लिए 30 जून का समय माँगा है।
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