5 सितम्बर 2016
शिक्षक दिवस पर शिक्षक को समर्पित
क्यों ख्वाहिशें पूरी करने को भगवान मनाते हैं,
चलो आज शिक्षक को भगवान बनाते हैं.
वो तो चढ़ावा लेते हैं, तब देते हैं आशीर्वाद,
चलो उससे सीखकर एक समाज बनाते हैं.
मंदिर न जाओ तो वो हो जाते हैं नाराज,
चलो उनके पास, सुना है वो नवाब बनाते हैं.
दलित गरीबों पर अत्याचार कर हृदय पाषाण बनाते हैं,
शिक्षक ही तो है, जो इंसान को इंसान बनाते हैं.
-बृजेन्द्र कुमार वर्मा